Tuesday 16 December 2014

पाकिस्तान में 311 हिंदू बच्चों की मौत

पाकिस्तान के एकमात्र हिंदू बहुल जिले थारपरकर में पिछले 11 महीनों के दौरान कुपोषण व अन्य समस्याओं के चलते पांच साल से कम उम्र के 311 बच्चों की मौत हुई है। मौत की अहम वजह श्वांस अवरोध, जन्म के समय कम वजन और न्यूमोनिया बताए जा रहे हैं।
थारपरकर दक्षिणी सिंध प्रांत का एक रेगिस्तानी इलाका है। राजस्थान से लगा यह क्षेत्र लंबे समय से भीषण सूखे की चपेट में है। प्रधान सचिव ने सिंध हाईकोर्ट में इस संदर्भ में रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के अनुसार मरने वालों में 118 बच्चे नवजात थे, जिनकी जन्म के दिन ही मृत्यु हो गई, जबकि 82 बच्चों की मौत जन्म के एक महीने के अंदर हुई। 28 बच्चों की मौत डेढ़ से तीन महीने की उम्र में हुई जबकि 29 बच्चों ने आठ महीने से एक साल की उम्र में दम तोड़ा। रिपोर्ट में बताया गया कि थार समुदाय के लोग, खासकर महिलाओं में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता का अभाव है। ज्यादातर परिवारों में औसतन आठ बच्चे हैं। हालांकि रिपोर्ट में क्षेत्र में भोजन की उपलब्धता में कमी के संबंध में कुछ नहीं कहा गया है।
निजी चैनलों ने क्षेत्र में पिछले एक साल से आपातकालीन स्थितियों से निपटने में स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही पर कई बार सवाल उठाया है। अपनी कमी को स्वीकारने की बजाय स्थानीय सरकार ने यहां के ¨हदुओं के खराब भोजन चयन पर सवाल उठाया है।
और हिन्दुस्तान में इसका उल्टा हो रहा है केवल गरीब  मुस्लिम लोगो के लिए ही सहायता के लिए सरकार पिछले ६० सालो से काम कर रही है और हिन्दुओ की तरफ इनका धयान ही नही है आज जहां पाकिस्तान में हिन्दू मिटने कगार पर हैं वही हिन्दुस्तान में  मुस्लिम समुदये के लोग अपनी मनमानी कर रहे हैं।  और देश सविधान के कंोनो को भी  रखकर अनेको कार्य किये  हैं।  मैं चाहूंगी की भारतीय लोग इसे समझे की संसार में यदि तुम्हे हिंदी संस्कर्ति को जिन्दा रखना है तो जाग जाओ और जो दुश्मन तुम्हारे आँचल में पनाह ले रक्खा है उस आस्तीन  साप को बहार निकाल कर फैक दो  जल्दी ही पूरे संसार से हिंदुत्व का विनससह तुम अपनी आँखों  देखोगे।  जय हिन्द जय  भारत 

No comments:

Post a Comment