आज नव वर्ष की शुभकामना के साथ मैं आपको एक बार फिर से वही बात बताने की कोसिस कर रही हु कि लव जिहाद कोई एक संस्था या फिर कोई एक आदमी न होकर मुस्लिम लोग जो हिंदुस्तान में रहते हैं। वो मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुस्तान को अपना ले पा रहे हैं पर हिन्दुओ के साथ काम करना चाहते पर उनकी प्रॉब्लम भी हैं कि हिन्दुस्तान में रहकर हिन्दुओ के बिना वो कुंज भी नही इसी कारन से वो हिन्दुओ को बहकाकर फुसलाकर ये सब कर रहे हैं। मैं आपको उदहारण देना चाहती हु pk फिल्म आई और मैंने भी देखी और मैं जानती हु की आपने भी देखि होगी। इस फिल्म में आमिर एक मुस्लिम है इसलिए उसने एक पाकिस्तानी लड़के और हिन्दू लड़की की फिल्म बनाई। मैं मानती हु फिल्म में कोई बुराई नही थी फिर भी उन्होंने ऐसी कहानी बनवाई जिसमे लड़का पाकिस्ताि मुसलमान हो वो पाकिस्तानी हिन्दू और सिक्ख क्यों नही हो सकता और दूसरी बात इसमें केवल हिन्दुओ के बारे में फोकस किया मुस्लिम के बारे में तो कुंज नही बोला जब की आमिर मुस्लिम है क्या मुस्लिम धर्म में कोई बुराई नही है पर जहाँ तक मैंने पढ़ा है की हिन्दुस्तान में कोई भी मुस्लिम नही हैं ये जो अपने आप को मुस्लिम कहते हैं धरम परिवर्तन किये हुए लोग हैं जो जबरन या फिर पैसे के प्रलोभन से मुस्लिम बनाये गए हैं १५०० से पहले सायद ही कोई मुस्लिम हिंदुस्तांन में हो। और रही बात हमारे धर्म की मैं चाहती हु कि कोई भी मुस्लिम अभिनेता हमारे ऊपर ये अहसान न करे कि हम हिन्दुओ के हित के लिए ये सब कर रहे हैं। चाहे सलमान ,सरुखान या फिर आमिर। पहले इतिहास पढ़ो और फिर सोचो तुम हो क्या और किसके बारे में क्या कर रहे हो अनयथा मैं और मेरा इनका विरोध करने जा रहे हैं।
रेणुका शोकीन
रेणुका शोकीन
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